चलता हु!
मालूम नहीं मुझे  में  क्या चाहता  हु!
 तुमसे पण  इतना कहना चाहता  हु!
 जब तुम अति हो
मेरा दिल तुम्हारे दिल के सात
ढडकणा चहता  हे!
हर दिन के सात में तुम
जाना चाहता हु!
हर प्यार की तरहा में तुम्हे
अपनी खुसिया देना चाहता  हु!
लेकिन क्या  मज़बूरी, में अकेला हु!
मेरे पास तुम्हे कहने के लिए
 कोही शब्द नहीं हे!
लेकिन  एक सात समां बिताने के लिए
समय भोत हे!
तुम मुझे देखकर इतना दूर मत जाओ
में भी जांना चाहता हु !
मेरे दूर जाने से तुम्हे कैसा लगता हे!
 
 
Comments
Post a Comment