कुछ बताना है मुझे !
कुछ बताना है मुझे !
साल दर साल नीकल गये!
दोस्ती के रंग उतर गये !
शमा दफ्तर में कैद हो गया!
शाम गुफ्तगू करते निकल गई!
कुछ बताना है मुझे !करवट बदल कर भी
ंनिंद ना आई !
नींद को आखों के नीचे छुपाते छुपाते
चाँद भी छुप गया !
सुभ की भागदौड़ में दिन भी निकल गया!
बस
कुछ बताना है मुझे !चंद कागज के टुकड़ो के पीछे भागता चला गया!
खुद कोही भूलता चला गया !
बस
कुछ बताना है मुझे !कुछ बताना है मुझे !
Tanay S Channawar


Super bro
ReplyDeleteWaiting for more
-Atharva
Thanks yrr
DeleteOsm....
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